A Review Of shiv chalisa in hindi

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

॥ शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा…॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम, नील कंठ को कोटि प्रणाम

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

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द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

दोस्तों श्री more info शिव जी के लोकप्रिय भजन पर हमारी शोध एवं लेखन कार्य जारी है। अतिशीघ्र यहां पर आपको और भजन पढ़ने को मिलेगा। आपको श्री शिव जी का कौन सा भजन ज्यादा अच्छा लगता है, जरूर बताइएगा।

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